मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

एक और दुर्घटना

कभी-कभी ऐसा भी होता है
कि आँखों में
उग आता है एक शहर...
नहीं, जंगल ।

जंगल में होता है
सूखा तालाब ,
बड़े-बड़े पेड़
छोटे भी,
जिनका होना
मायने नहीं रखता ।

आँधियाँ नहीं आतीं यहाँ
और नहीं रहते आदमी
सिर्फ बातें होती हैं हर रोज़
आँधी और रेत की,
और रहती हैं कुछ आकृतियाँ
आदमीयत के हिज्जे करने में मशगूल ।

ऐसे ही शहर
नहीं जंगल में
वह आया लडखडाता हुआ,
छिले थे उसके घुटने ,
सूजे थे आँखों के पपोटे
और होठों से रिस रहा था खून ।

" तुम हार गए "
मैंने कहा ,
वह हँसा,
अपनी आँखें मिचमिचाते हुए
होठों से रिस रहे खून को
पीक की तरह थूकते हुए बोला --
क्या दिया है लड़ाई ने मुझे
ज़ख्मों के सिवाय ,
अच्छा है चुप रहना
और यों ही हार जाना
लेकिन नहीं समझोगे तुम
कितना सुख है
हार जाने में
याने ढीली कर देने में
बंधी हुई मुट्ठियाँ ।

लड़ाई ?
क्या होगा उससे
और किससे लड़ोगे तुम ?
उनके किले की दीवारें
बेहद चिकनी और मज़बूत हैं,
तुम चोट करते रहो उन पर
और फोड़ लो अपना सिर
वे द्वार नहीं खोलेंगे
नहीं समझेंगे तुम्हारी भाषा
और तुम्हारी युयुत्सा
टूटती रहेगी हर क्षण ।

वह देखो
दौड़ता आ रहा है
सूर्य का दैदीप्यमान रथ ,
तुम नहीं रोक सकोगे उसे ,
तुम्हे रौंदकर गुज़र जाएगा वह
और तुम चुप रहोगे
क्योंकि रोने या चीखने पर
तुम्हे अपनी आँख या जीभ
या ज़मीन खोने का डर रहेगा ,
लड़ाई .... आखिर क्या होगा उससे
और किससे लड़ोगे तुम
वे तुम्हारी बात नहीं सुनेंगे

समझने के लिए
एक ही भाषा समझते हैं वे
गुलामी की ,
आग से चिढ़ते हैं वे
और एक ही तरीका पसंद है उन्हें
जानते -बूझते ज़हर पीने का,
चुपचाप जीने का
या अपने ज़ख्म
अपने ही हाथों से सीने का।
अंततः टूटना ही है तुम्हे
फिर क्या बुरा है
यों ही हार जाना ?

वे तुम्हे
कोई भी उपाधि दे सकते हैं और
कोई भी सामान ,
सूखे तालाब में
भर सकते हो तुम मनमाना पानी,
मतलब - बेमतलब
हँस सकते हो ,
बजा सकते हो ताली ,
किसी रस्ते चलते को
दे सकते हो गाली ,
दिन को रात कहो और
रात को दिन
कोई फर्क नहीं पडेगा ।
अंततः टूटना ही है तुम्हे
फिर क्या बुरा है
यों ही हर जाना ?

वह फिर हँसा
और मेरी गर्दन
शिकंजे में कस दबाने लगा ,
चीखने लगीं आकृतियाँ
क्या होगा लड़ाई से ,
क्या होगा
आखिर होगा क्या ?
सुख ... सुख ... सुख
कितना बड़ा सुख !
और एक पेड़ के नीचे
अचानक खडा हो गया मैं ,
चुपचाप
बेझिझक बेच दिया अपने आप को ,
होम दिया अपना हर अंग
ग़ुम हो गए
हर रंग की तलाश में ।