सोमवार, 13 सितंबर 2010

सूर्यास्त

बीत गया दिन,
खिड़की के शीशे में
आयत सी उतर रही शाम|

यादों के झुरमुट में
अभी - अभी डूबेगी
बिसराई बातों सी
धुंधलाती शाम |

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